सोमवार, १८ नोव्हेंबर, २०१९

स्ट्रॅटफोर्डमधले घर कौलारू...

कुठल्याही देशात, समाजात शांतता आणि स्थैर्य आले की तिथे संस्कृतीला कोवळे धुमारे फुटू लागतात. इंग्लंडमध्ये आता हेच होणार होते. कला, साहित्य आणि नाट्यजगतात उत्साहाचे वातावरण पसरू लागले. रंगमंचावर नवनवीन आविष्कार होऊ लागले. देशाच्या सांस्कृतिक क्षितिजावर एक नवीन पहाट होत होती.

अनाम वीरा...


इंग्लंडच्या दक्षिण समुद्रकिनारी वसलेल्या असंख्य लहान लहान गावांपैकी एक गाव ब्रायटन! साधेसुधे आणि निवांत. मासेमारी हा तेथील लोकांचा प्रमुख व्यवसाय. साधारण अठराव्या शतकाच्या उत्तरार्धापर्यंत हळूहळू लंडनमधील श्रीमंत उमराव आणि सरदार इथे सुट्टी घालवायला येऊ लागले आणि या साध्याशा गावाचे रंगरूप पालटायला सुरुवात झाली.

सोमवार, २८ ऑक्टोबर, २०१९

राधा

सनन सनन हवा से तुम
भूमि पर अडिग मै
कलकल बहते पानी तुम
किनारे से जुड़ी मैं

शुक्रवार, ३० ऑगस्ट, २०१९

हुस्नवालें और हम

कड़वा है पर सच है...है ना?
हम करें तो ज़िद्दी अड़ियल
उनका हाय नख़रा
हम कहें तो गुस्ताख़ी
वे करें सो कायदा
अपनी ग़लती सज़ा-ऐ फाँसी
उनकी नजर अंदाज़ है
हुस्नवालों की दुनियाँ कायल
वे क़त्ल करें भी तो माफ़ है

मंगळवार, १३ ऑगस्ट, २०१९

दर्द का रिश्ता

अश्क बन कर ही सही
तेरी आँखों में हम रहते हैं, क्या ये कम है..
लफ्ज़ भर का ही सही
कहानी का तेरे हम हिस्सा हैं, क्या ये कम है..
ज़िन्दगी में ना सही
तेरी यादों में महकते हैं, क्या ये कम है..

रविवार, २८ जुलै, २०१९

शोले

भरी दोपहरी में सुस्ताता रामगढ़ का रेलवे स्थानक।
धुआँ हांफती एक रेल वहाँ आ पहुँचती है और खादी वर्दी पहना पुलिस अफ़सर प्लेटफोर्म पर उतरता हैं.
उसका इंतज़ार कर रहा शख़्स उसे लेकर स्टेशन से बाहर आता है. स्टेशन से बाहर आते ही दो घोड़ों पर सवार होकर वे रामगढ़ की और चल पड़ते है...

गुरुवार, ३ जानेवारी, २०१९

सुनो...

ज़िन्दगी अपने लिए ज़रा सी आसान कर दी
लो तुझको पाने की ज़िद अब हमने छोड़ दी
आसमाँ की रंगत लुभाती है अब भी मगर
बस छूने की उसको चाहत अब हमने छोड़ दी
सजाते है इन आँखों में ख़्वाब अब भी मगर
बस पुरे उनके होने की शर्त अब हमने छोड़ दी
तेरे आने का इंतज़ार है अब भी मगर
बस तेरे आने की उम्मीद अब हमने छोड़ दी
सुनो.. मोहब्बत करते हैं टूट के अब भी मगर
बस टूट के बिख़रने की आदत अब हमने छोड़ दी

मंगळवार, २५ सप्टेंबर, २०१८

इंतज़ार...

बेचैन कदमों से आँगन नापती हैं
जाने किस की दस्तक का इंतज़ार करती हैं
टू डू लिस्टों से दो हाथ करती हैं
बारी बारी सारे काम निबटाती हैं
मुड़ मुड़ के दरवाजे को बार बार ताकती हैं
जाने किस की दस्तक का इंतज़ार करती हैं
रौशनी बिखेरती हैं, खिलखिलाके हँसती हैं
दिलकी क़सक को क्या खूब छिपाती हैं
घर की चौखट से आसमान आंकती हैं
जाने किस की दस्तक का इंतज़ार करती हैं
गुजरे कल की गुत्थी में उलझती हैं
आनेवाले कल से मिलने तरसती हैं
दहलीज़ लांघने से पर फिर भी चूकती हैं
जाने किस की दस्तक का इंतज़ार करती हैं

मंगळवार, ४ सप्टेंबर, २०१८

कसम से...

तेरी नाराजगी सर आँखों पर
नफ़रतें तेरी मंजूर हैं
बस यूँ तेरा अजनबी बन जाना
जान लेता हैं.. कसम से
गुस्सा तेरा हैं कुबूल
लफ़्ज़ों में अंगार मंजूर हैं
बस यूँ तेरा बरफ़ बन जाना
जान लेता हैं..कसम से
सितम ढ़ा ले ..उफ़ न करेंगे
ज्यादतियां तेरी..हंस हंस के सहेंगे
ताने फटकार क़ुबूल हैं
सजा दे दे मंजूर हैं
बस यूँ तेरा मूरत बन जाना
जान लेता हैं..कसम से

मंगळवार, १५ मे, २०१८

माधुरी

बात उन दिनों की हैं जब ८० का दशक उम्र की ढ़लान पर था और हिंदी सिनेमा जगत में श्रीदेवी का सितारा कामयाबी की बुलंदियाँ छू रहा था. बॉलीवुड पर श्रीदेवी राज कर रही थी. एक से एक सुपर हिट मूवीज और एक से बढ़कर एक जबरदस्त गाने. श्रीदेवी का जादू दर्शकों के सर चढ़ के बोल रहा था. इसी दौरान एन चंद्रा प्रोडक्शन के सेट पर एक तूफ़ान बड़ी तेजी से आकार ले रहा था. अपनी सारी ताकत संजोये सही वक़्त का इंतज़ार कर रहा था.
११ नवम्बर १९८८  को देशभर में फिल्म तेज़ाब रिलीज़ हुई और माधुरी दीक्षित नामक तूफ़ान दनदनाता हुआ बॉलीवुड में आ धमका. सिनेमाघरों के आगे लोगों की लंबी कतारें नजर आने लगी, बॉक्स ऑफिस के आकड़े धड़ाधड़ दौड़ने लगे, गली- नुक्कड़, शादी-बारातों में बस एक ही नाम गूंजने लगा, मोहिनी, मोहिनी, मोहिनी!!

माधुरी दीक्षित रातोरात बॉलीवुड के आसमाँ पर छा गयी. हेमा मालिनी, रेखा और श्रीदेवी के बाद अब बॉलीवुड के सिंहासन पर विराजने की बारी थी माधुरी दीक्षित की!

तेज़ाब के बाद माधुरी ने कभी मूड कर नही देखा. राम लखन, दिल, बेटा, साजन, हम आपके हैं कौन...फिल्म दर फिल्म उनका रंग बॉलीवुड पर गहरा होता चला गया. सशक्त अभिनय, कमाल की डांसिंग स्टाइल और दिल पर छुरियाँ चल जाएँ ऐसी जानलेवा मुस्कान. अबोध की मासूम दुल्हन से लेकर के धक् धक् गर्ल तक का उनका फ़िल्मी सफर बेहद खूबसूरत रहा.

पंधरा मई को माधुरी का इक्कावन वा जन्मदिवस हैं. उम्र की गिनती तो खैर हम लोगों के लिए होती होगी लेकिन वाइन, डायमंड्स और माधुरी के लिए तो age is just a number